श्रोत: ग्रामीण टुडे न्यूज़,
रक्षा मंत्रालय ने 800 सैनिक स्कूल शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए आईआईटीई, गांधीनगर के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए:
नई दिल्ही: रक्षा मंत्रालय ने सैनिक स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए भारतीय शिक्षक शिक्षा संस्थान (आईआईटीई) गांधीनगर के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं । यह समझौता ज्ञापन 10 दिसंबर, 2021 को नई दिल्ली में हुआ, जिस पर रक्षा मंत्रालय की ओर से संयुक्त सचिव (भूमि एवं निर्माण) और मानद सचिव, सैनिक स्कूल सोसाइटी (एसएसएस) श्री राकेश मित्तल और आईआईटीई के रजिस्ट्रार डॉ. हिमांशु पटेल ने रक्षा सचिव डॉक्टर अजय कुमार एवं आईआईटीई के कुलपति डॉ. हर्षद ए पटेल की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।
भारतीय लोकाचार के साथ छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के मामले में सैनिक स्कूलों के शिक्षकों के क्षमता निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में इस समझौता ज्ञापन को बताते हुए, रक्षा सचिव ने कहा कि यह न केवल मौजूदा सैनिक स्कूलों बल्कि 100 आने वाले स्कूलों के ब्रांड को बढ़ाने में मदद करेगा।
समझौता ज्ञापन जनवरी 2022 से शुरू होकर आने वाले पांच साल की अवधि के लिए है, जिसके तहत सभी सैनिक स्कूलों के 800 से अधिक शिक्षकों को ‘गुरुदीक्षा’ और ‘प्रतिबद्धता’ नामक पाठ्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा।
इस समझौता ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य भारतीय परंपराओं के परिवर्तनकारी ज्ञान के साथ कल के शिक्षकों को तैयार करना और शिक्षकों के समेकित विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए शिक्षक शिक्षा के एक नए युग की शुरुआत करना है। समझौता ज्ञापन की कुछ अन्य मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
(ए) स्कूलों में नई शिक्षा नीति का कार्यान्वयन
(बी) छात्रों में नेतृत्व गुणों का विकास
(सी) यूपीएससी-एनडीए की तैयारी और सीबीएसई पाठ्यक्रम का समय प्रबंधन
(डी) शैक्षणिक विषयों के लिए उपयुक्त शिक्षाशास्त्र का चयन
(ई) शिक्षकों और छात्रों को प्रेरित करना
(एफ) पाठ योजना मूल्यांकन रणनीतियां
(जी) एक संरक्षक के रूप में छात्रों के व्यक्तिगत मतभेदों, भावनात्मक और व्यवहार संबंधी समस्याओं से निपटना
(एच) माता-पिता के साथ एक संरक्षक के रूप में व्यवहार करना
(आई) बोर्डिंग स्कूल के माहौल में शिक्षक-छात्र संबंध बढ़ाना
इस अवसर पर अपर सचिव श्रीमती निवेदिता शुक्ला वर्मा और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारी उपस्थित थे।